Poem :: Woh Kehta Hai (He Says)
वोह कहता है मुस्कुराते रहो
वोह कहता है जगमगाते रहो ।
वोह कहता है पास मेरे रहो
वोह कहता है बाह मेरी भरो ।
वोह कहता है रहूँगा मै पास
वोह कहता है तुम हो बोहत ख़ास ।
वोह कहता है दिल स्वच्छ है तेरा
वोह कहता है उस्पे लगा दूंगा पहरा ।
वोह कहता है तुम हो बड़ी कोमल
सो कहता है दिल है तुम्हारा निर्मल ।
उसको कैसे मै बताऊँ ये बात
बात ये है के वोह है बोहत ख़ास ।
ख़ास है मेरे मन में वोह
पास है मेरे तन के वोह ।
छुपालूं उसको दामन में
उसको करदूं पावन मै ।
Asra